भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के व्यक्तित्व का अध्ययन

A Study on the Personalities of Leading Poets of the Bhakti Era

Authors

  • राजेन्द्र कुमार पिवहरे

Keywords:

भक्तिकाल, कवियों, व्यक्तित्व, काव्य, संगीत, लय, ताल, स्वर, यति, गति

Abstract

भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के व्यक्तित्व का वर्णन काव्य और संगीत का समन्वित समीकरण यदि कहीं अपने आकर्षण के रूप में दिखाई देता है तो भक्तिकालीन काव्य में लय, ताल, स्वर,यति गति आदि की साधना के बाल पद शैली में इन कवियों ने जो कुछ भी रचा वह परवर्ती कवियों के लिए अनुकरणीय बन गया। इस युग की रचनाओं में काव्य एवं संगीत का सुंदर समन्वय देखा जा सकता है भक्ति काल का अवलोकन करके मध्यकालीन भारतीय संस्कृति का परिचय प्राप्त किया जा सकता है।

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Published

2021-12-01

How to Cite

[1]
“भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के व्यक्तित्व का अध्ययन: A Study on the Personalities of Leading Poets of the Bhakti Era”, JASRAE, vol. 18, no. 7, pp. 143–150, Dec. 2021, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13623

How to Cite

[1]
“भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के व्यक्तित्व का अध्ययन: A Study on the Personalities of Leading Poets of the Bhakti Era”, JASRAE, vol. 18, no. 7, pp. 143–150, Dec. 2021, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13623