उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों का विद्यालय वातावरण एवं मानसिक स्वास्थ्य के मध्य तुलनात्मक अध्ययन

The Importance of School Environment and Mental Health for High School and Middle School Students

Authors

  • Maya Devi
  • Dr. Savita Gupta

Keywords:

विद्यार्थियों, विद्यालय वातावरण, मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, शिक्षक

Abstract

शिक्षा मानव जीवन को श्रेष्ठ बनाने का महत्वपूर्ण साधन है पर मानव जीवन तब श्रेष्ठ बनेगा जब मनुष्य मानसिक रूप से स्वस्थ होगा। मनुष्य को वातावरण का ध्यान रखना चाहिये। विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के विकास में शिक्षा, शिक्षण, विद्यालय के वातावरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि विद्यालय वातावरण सही होगा तो शिक्षक, विद्यार्थी, आस-पडौस के लोग स्वस्थ एवं शिक्षित होगें। फ्राबेल, वाटसन, व्यूमैन आदि वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य व विद्यालय वातावरण को महत्वपूर्ण माना है। विद्यालय वातावरण के अन्तर्गत सभी प्रकार की व्यवस्थाएँ आती है, जो विद्यार्थीयों के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैसे- विद्यालय भवन, मैदान, शिक्षक, छात्र-छात्राऐं, साफ-सफाई, पुस्तकालय, शौचालय, पानी पीने की सुविधा आदि।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में विद्यालयों के वातावरण को सृजित करने का निर्णय लिया गया मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिए हमको ‘‘स्वच्छ भारत अभियान‘‘ को अपनायाहोगा। शिक्षा के इतिहास में एक समय था जबकि बच्चे की बुद्धि, रूचि, और विद्यालय केवातावरण, मानसिक स्वास्थ्य आदि स्थितियों की ओर ध्यान नही दिया जाता था अब शिक्षा काकेन्द्र बालक बन गया है। उसके मानसिक व विद्यालय के वातावरण व पाठयक्रम का निर्माण किया गया है।प्रत्येक अध्यापक को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिये। जिससे विद्यार्थियों को विद्यालय में अनेक प्रकार की सुविधा व वातावरण सम्बन्धी किसी भी प्रकार की परेशानी नही होनी चाहियें अगर विद्यालय का वातावरण दूषित हुआ तो विद्यार्थीयों को अनेक प्रकार की बीमारियाँ व मानसिक सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड सकता है। ओटावें ने विद्यालय के वातावरण को सामाजिक अधिकार माना है। विद्यार्थीयों के मानसिक विकास में विद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यालय सम्बन्धी कारकों का निर्माण- जैसे पाठ्यक्रम पाठय साहगामी क्रियाएँ, शिक्षण विधि आदि कारकों को अध्ययन करेगा। विद्यालय में नया वातावरण उपलब्ध होगा। एक विद्वान का कथन है कि शिक्षा मनुष्य का तीसरा नेत्र है जो उसे समस्त तत्वों के मूल को समझने की क्षमता प्रदान करता है।शिक्षा से हमें इस संसार में सुख समृद्धि एवं सुयष प्राप्त होता है और मानसिक स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की कठिनाई नही आ सकती तब हमारे पास शिक्षा होगी तो शिक्षा द्वारा प्राप्त प्रकाश से हमारे संषयों को उन्मूलन एवं कठिनाइयों का निवारण होता है। नीतीशतक ने लिखा है- विद्याहीन मनुष्य पशु के समान है। षिक्षा की हमें मनुष्य बनाती है। शिक्षा से रहित हमारा जीवन व्यर्थ है। विद्यार्थियों की शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य एवं अन्य शक्तियों का विकास किया गया है।

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Published

2022-04-01

How to Cite

[1]
“उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों का विद्यालय वातावरण एवं मानसिक स्वास्थ्य के मध्य तुलनात्मक अध्ययन: The Importance of School Environment and Mental Health for High School and Middle School Students”, JASRAE, vol. 19, no. 3, pp. 237–241, Apr. 2022, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13865

How to Cite

[1]
“उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों का विद्यालय वातावरण एवं मानसिक स्वास्थ्य के मध्य तुलनात्मक अध्ययन: The Importance of School Environment and Mental Health for High School and Middle School Students”, JASRAE, vol. 19, no. 3, pp. 237–241, Apr. 2022, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13865