स्रजनामकता और शैक्षणिक उपलब्धि का छात्रों पर प्रभाव

शिक्षाधिकारियों के प्रभाव पर एक अध्ययन

Authors

  • Puja Singh
  • Dr. Bela Mery Joseph

Keywords:

शिक्षा, शिक्षक, छात्र, शैक्षणिक उपलब्धि, स्रजनामकता

Abstract

प्रस्तुत अध्ययन विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि तथा स्रजनामकता पर शिक्षा के माध्यम के प्रभाव का अध्ययन करने का एक प्रयास है। शिक्षा प्राथमिक और विश्वविद्यालय शिक्षा के बीच एक मध्यस्थ कड़ी है लेकिन दुर्भाग्य से यह भारत में शिक्षा प्रणालियों में सबसे कमजोर कड़ी है। माध्यमिक शिक्षा प्राथमिक और मध्य स्तर की शिक्षा के बाद शिक्षा का चरण है। एक शिक्षक कक्षा में एक अनुकरणीय वातावरण बना सकता है ताकि बच्चे सही आकांक्षाओं का विकास कर सकें। शिक्षक को छात्रों को समझाने का प्रयास करना चाहिए। सभी शिक्षकों को बिना किसी पूर्व मानसिकता और पूर्वाग्रह और पूर्वाग्रह के छात्रों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। इसलिए यह माता-पिता, सरकार और शिक्षकों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे युवाओं को इन कारकों से मुक्त करें और उन्हें उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार व्यवसाय की इच्छा रखने दें।

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Published

2022-07-01

How to Cite

[1]
“स्रजनामकता और शैक्षणिक उपलब्धि का छात्रों पर प्रभाव: शिक्षाधिकारियों के प्रभाव पर एक अध्ययन”, JASRAE, vol. 19, no. 4, pp. 356–361, Jul. 2022, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13973

How to Cite

[1]
“स्रजनामकता और शैक्षणिक उपलब्धि का छात्रों पर प्रभाव: शिक्षाधिकारियों के प्रभाव पर एक अध्ययन”, JASRAE, vol. 19, no. 4, pp. 356–361, Jul. 2022, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13973