कबीर दास साहित्य का सामाजिक-सांस्कृतिक अध्ययन
Keywords:
सामाजिक-सांस्कृतिक, मौलिक विचार, साहित्य, कबीर दास जीAbstract
कबीर एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जो हमें आज भी नियमित रूप से पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ईश्वर के बारे में कबीर का विचार उनका अपना मौलिक विचार है जिसे अन्य लोगों ने भी स्वीकार किया है। कबीर का सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग आधुनिक सामाजिक जीवन का निर्धारित आदर्श बन गया है, हालाँकि कबीर ने इसे बहुत पहले ही व्यवहार में ला दिया था। वह समाज में बदलाव चाहते थे। वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच घनिष्ठ संबंध, समानता और प्रेम लाना चाहते थे, क्योंकि कबीर के लिए ये दोनों समुदाय एक ही ईश्वर की संतान हैं, हालांकि वे निरंतर संघर्ष में उलझे हुए हैं, जो उन सभी भावनाओं और विचारों के विकास में बाधक हैं जो मनुष्य के योग्य हैं। , और जो उनके जीवन को कष्टमय बना देता है। कबीर के पास अनुसरण करने के लिए अपनी प्रगति का मार्ग था। जीवन के हर क्षेत्र में वे अपने सिद्धांतों का बारीकी से पालन करना चाहते थे, और वे इसमें कोई उल्लंघन नहीं कर सकते थे। इस प्रकाश को एक शक्तिशाली कल्पना द्वारा महसूस किया जा सकता है जिसे निरंतर अभ्यास से विकसित किया जा सकता है। कबीर चाहते थे कि लोग सर्वव्यापी शक्ति की उपस्थिति को जानने और महसूस करने के लिए कल्पना के इस संकाय को विकसित करें। उन्हें केवल बातों में विश्वास नहीं था, लेकिन वे कथनी और करनी में समानता देखना पसंद करते थे। उसने जो कहा वह किया। कबीर का व्यवहारिक जीवन हमें कई प्रकार से शिक्षा देता है।
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