भारतीय मुक्ति संग्राम की वेशता का अध्ययन
Exploring the Essence of Indian Freedom Struggle in Hindi Stories
Keywords:
भारतीय मुक्ति संग्राम, वेशता, स्वाधीनता, हिन्दी कहानियाँ, स्वातंत्र्योत्तर काल, रचनात्मक पक्ष, बदलाव, मानसिक उद्वेलन, स्वातंत्र्योत्तर विकास क्रम, आजादीAbstract
स्वाधीनता के पश्चात लिखी गई हिन्दी की श्रेष्ठ कहानियों का संचयन है। ये कहानियाँ स्वातंत्र्योत्तर काल की हिन्दी कहानी के विभिन्न रचनात्मक पक्षों और बदलावों की साक्षी रही हैं, और अपने दौर में सर्वाधिक चर्चित रही हैं और सराही गईं। यहाँ हिन्दी के मानसिक उद्वेलन, चिंताओं, सरोकारों के साथ-साथ हिन्दी कहानी के स्वातंत्र्योत्तर विकास क्रम भी दिखते हैं। यह संकलन आजादी के बाद के समाज की संपूर्ण छवि प्रस्तुत करता है। इन कहानियों में अपने समय की दारुण परिस्थितियों से सख्ती के साथ निपटने की रचनात्मक तैयार दिखती है।Published
2013-04-01
How to Cite
[1]
“भारतीय मुक्ति संग्राम की वेशता का अध्ययन: Exploring the Essence of Indian Freedom Struggle in Hindi Stories”, JASRAE, vol. 5, no. 10, pp. 0–0, Apr. 2013, Accessed: Jun. 30, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/4871
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Articles
How to Cite
[1]
“भारतीय मुक्ति संग्राम की वेशता का अध्ययन: Exploring the Essence of Indian Freedom Struggle in Hindi Stories”, JASRAE, vol. 5, no. 10, pp. 0–0, Apr. 2013, Accessed: Jun. 30, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/4871