महिला उत्पीड़न के उन्मूलन में नैतिक शिक्षा की भूमिका

नैतिक शिक्षा और महिला उत्पीड़न: सामाजिक मुद्दे और नए संभाविताएं

Authors

  • Priya Ranjan

Keywords:

महिला उत्पीड़न, नैतिक शिक्षा, सामाजिक मुद्दा, बर्बर सामूहिक, यौन उत्पीड़न, निर्भया गैंगरेप, संख्या में जनता, बदलाव, सड़कों, असुरक्षित महसूस

Abstract

महिलाओं के विरूद्ध उत्पीड़न बहुत पुराना सामाजिक मुद्दा है जिसकी जड़े आज समाज काफी फैल चुकी है। उत्पीड़न की घटना समाज में आम हो चुकी है। बर्बर सामूहिक, बलात्कार, दफ्तर में यौन उत्पीड़न तेजाब फेकने जैसी अनेक घटनाओं के रूप में महिलाओं के विरूद्ध उत्पीड़न उजागर होती रही है। इसका ताजा उदाहरण 16 दिसम्बर 2012 निर्भया गैंगरेप केस। 23 साल की लड़की से किये गये सामूहिक बलात्कार ने देश को झकझोर कर रख दिया था। परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में जनता नियमों में बदलाव की मांग करती हुई सड़को पर उतर आई। ऐसी घटनाओं में वृद्धि होने के कारण समाज में महिलाएँ अपने को असुरक्षित महसूस करने लगी है।

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Published

2013-04-01

How to Cite

[1]
“महिला उत्पीड़न के उन्मूलन में नैतिक शिक्षा की भूमिका: नैतिक शिक्षा और महिला उत्पीड़न: सामाजिक मुद्दे और नए संभाविताएं”, JASRAE, vol. 5, no. 10, pp. 1–5, Apr. 2013, Accessed: Jun. 30, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/4881

How to Cite

[1]
“महिला उत्पीड़न के उन्मूलन में नैतिक शिक्षा की भूमिका: नैतिक शिक्षा और महिला उत्पीड़न: सामाजिक मुद्दे और नए संभाविताएं”, JASRAE, vol. 5, no. 10, pp. 1–5, Apr. 2013, Accessed: Jun. 30, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/4881