भाषा प्रसार में समाचारपत्र-पत्रिकाओं की भूमिका

The Role of Newspapers and Magazines in Language Spread and Communication

Authors

  • Manjeet Devi

Keywords:

भाषा प्रसार, समाचारपत्र-पत्रिकाओं, जनसंचार माध्यम, हिन्दी भाषा, सम्प्रेषणीय भाषा, विकास

Abstract

मनुष्य के पृथ्वी पर जन्म लेते ही आवश्यकताओं की अर्गला बनना प्रारंभ हो जाती है। यह प्रक्रिया मरणोपरांत तक चलती रहती है। मनुष्य अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के अतिरिक्त विचार, हर्ष-विषाद आदि को किसी न किसी माध्यम द्वारा व्यक्त करने का प्रयास करता है और इन विचारो को व्यक्त करने के लिए उसे एक सशक्त जनसंचार माध्यम की आवश्यकता रहती है। मनुष्य के दैनिक जीवन में समाचार पत्र-पत्रिका आदि जनसंचार माध्यमों का विशेष महत्त्व रहा है। मनुष्य इन माध्यमों के माध्यम से अपनी भाषा में या सम्प्रेषणीय भाषा में अपनी बात जन-जन तक पहुँचा सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर और कुछ हद तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा की सम्प्रेषणीयता में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। इसी तथ्य को हमारी सरकार भी स्वीकार कर दिन-प्रतिदिन हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। जनसंचार के माध्यमों ने हिन्दी विकास की अवधरणा को अधिक बल प्रदान किया है।

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Published

2018-10-01

How to Cite

[1]
“भाषा प्रसार में समाचारपत्र-पत्रिकाओं की भूमिका: The Role of Newspapers and Magazines in Language Spread and Communication”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 517–520, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8890

How to Cite

[1]
“भाषा प्रसार में समाचारपत्र-पत्रिकाओं की भूमिका: The Role of Newspapers and Magazines in Language Spread and Communication”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 517–520, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8890