नारी की स्थिति
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Keywords:
नारी, हिन्दू समाज व्यवस्था, सभ्यता, संस्कृति, वैवाहिक जीवन, आश्रम व्यवस्था, गृहस्थ आश्रम, सामाजिक स्थिति, अधिकार, कर्तव्यAbstract
नारी को हिन्दू समाज व्यवस्था की आधारशिला, सभ्यता का स्त्रोत, संस्कृति निर्माता एवं वैवाहिक जीवन का आधार माना जाता रहा है। आश्रम व्यवस्था में गृहस्थ आश्रम को सभी धर्मशास्त्रियों में श्रेष्ट माना है। वास्तव में भारतीय नारी की सामाजिक स्थिति में ‘अधिकार’ और ‘कर्तव्य’ इन दो पहलुओं के कारण सदैव उतार - चढ़ाव आता रहा।Published
2018-10-01
How to Cite
[1]
“नारी की स्थिति: -”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 868–870, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8956
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Articles
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[1]
“नारी की स्थिति: -”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 868–870, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8956