बिहार की औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति के आलोक में राज्य में श्रमिकों की स्थिति
बिहार में औद्योगिक निवेश एवं श्रमिक संवर्धन नीति का प्रभाव
Keywords:
बिहार, औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति, श्रमिक, स्थिति, राज्य, उन्नत प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, संतुलित क्षेत्रीय विकास, औद्योगिकीकरण, रोजगार, विकास, श्रम-बल, गरीबी, भूखमरी, शिक्षा, जीवन, दयनीय, लाचार, गद्यांशAbstract
बिहार औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति, 2016 के साथ बिहार सरकार ने राज्य के विकास को नयी दिशा देने का प्रयास किया है। राज्य सरकार उन्नत प्रौद्योगिकी, कौशल विकास एवं संतुलित क्षेत्रीय विकास के द्वारा भविष्य के विकास के मुख्य क्षेत्रों को प्राथमिकता देगी। ऐसी उम्मीद है कि नीति के कार्यान्वयन से राज्य का औद्योगिकीकरण होगा, रोजगार सृजित होंगे और इसके समग्र विकास में वृद्धि होगी। पर विकास का अभिन्न अंग है श्रम-बल या लेबर। राज्य के श्रमिकों की हालत कई मामलों में दयनीय है। गरीबी, भूखमरी और शिक्षा से वंचित ये लोग मजबूरी का जीवन जीने को लाचार हैं। निम्न लिखित गद्यांश में श्रमिकों के इसी स्थिति का वर्णन किया गया है।Published
2018-10-01
How to Cite
[1]
“बिहार की औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति के आलोक में राज्य में श्रमिकों की स्थिति: बिहार में औद्योगिक निवेश एवं श्रमिक संवर्धन नीति का प्रभाव”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 871–874, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8957
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Articles
How to Cite
[1]
“बिहार की औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति के आलोक में राज्य में श्रमिकों की स्थिति: बिहार में औद्योगिक निवेश एवं श्रमिक संवर्धन नीति का प्रभाव”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 871–874, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8957