1934 की प्रलयंकारी भूकंप बिहार के संदर्भ में एक जनप्रिय नेता के रूप में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की भूमिका

The Role of Dr. Rajendra Prasad in the Devastating 1934 Bihar Earthquake

Authors

  • Dr. Vivek Kumar

Keywords:

1934, प्रलयंकारी भूकंप, बिहार, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, भू-पट्टी, आपदा प्रबंधन, गांव, शहर, बुजुर्गो

Abstract

आज से ठीक अस्सी साल पहले अविभाजित बिहार ने खौफनाक भूकंप का मंजर देखा था. रिक्टर स्केल पर तीव्रता आंकी गयी थी 8.4 इसलिए इसे कहा जाता है महा भूकंप. बिहार का कोई जिला भूकंप के खतरों से सुरक्षित नहीं है. राज्य के 38 में से आठ जिले जोन पांच में हैं, 22 जिले जोन चार में और आठ जिले जोन तीन के अंदर आते हैं। इसलिए आज इस भू-पट्टी को बेहतर और कारगर आपदा प्रबंधन की जरूरत है. 15 जनवरी, 1934 को आये प्रलयकारी भूकंप से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं पहली बार बता रहे हैं एबीपी न्यूज के गुजरात संपादक ब्रजेश कुमार सिंह। करीब नब्बे वर्ष के हैं कपिलदेव सिंह, बिहार के गोपालगंज जिले के हलवार पिपरा गांव के निवासी. चलने में तकलीफ होती है, लेकिन अगर बात निकले भूकंप की, तो 1934 का साल बिना जोर डाले तुरंत उनके स्मृति पटल पर आ जाता है। बताते हैं कि कैसे धरती डोली, कैसे मां उन्हें लेकर घर से बाहर भागीं और फटती जाती जमीन से बचते हुए गांव के एक ऊंचे हिस्से में उन लोगों ने अपनी जान बचायी. सभी लोगों को यही लगा कि मानो प्रलय की घड़ी आ गयी हो. दरअसल आज से ठीक अस्सी साल पहले वो भूकंप आया था, जो बिहार के गांवों और शहरों में अस्सी वर्ष की उम्र पार कर चुके हर शख्स के लिए मील का पत्थर है. गांवों व शहरों में अस्सी साल से ज्यादा की उम्र वाले लोग अब कम ही बचे हैं. ऐसे में उस भयावह भूकंप का आंखों देखा हाल बताने वाली पीढ़ी विलुप्त होने की कगार पर है. न सिर्फइस पीढ़ी, बल्कि इसके बाद की भी दो पीढ़ियों के लिए भी 15 जनवरी 1934 का भूकंप काल निर्धारण का जरिया रहा है, अपनी उम्र बताने का तरीका रहा है। वो दौर ऐसा नहीं था, जब आज की तरह बच्चों के जन्म के प्रमाण पत्र मिल जाते हों या फिर आप मोबाइल से लेकर डायरी और कंप्यूटर से लेकर अत्याधुनिक नोट पैड में एक-एक तारीख, एक-एक आंकड़ा नोट कर सकते हों। आखिर कितना भयावह था वो भूकंप, जो पूरे आठ दशक बाद भी बुजुर्गो की याददाश्त के दायरे से बाहर नहीं निकल पाया है. इसके बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है तत्कालीन ब्रिटिश भारत के प्रशासनिक दस्तावेजों और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट्स में।

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Published

2018-10-01

How to Cite

[1]
“1934 की प्रलयंकारी भूकंप बिहार के संदर्भ में एक जनप्रिय नेता के रूप में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की भूमिका: The Role of Dr. Rajendra Prasad in the Devastating 1934 Bihar Earthquake”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 896–903, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8961

How to Cite

[1]
“1934 की प्रलयंकारी भूकंप बिहार के संदर्भ में एक जनप्रिय नेता के रूप में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की भूमिका: The Role of Dr. Rajendra Prasad in the Devastating 1934 Bihar Earthquake”, JASRAE, vol. 15, no. 9, pp. 896–903, Oct. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/8961