भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव एवं विकास के कारण

भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव और विकास: समाज सुधारकों से राष्ट्रीय आन्दोलन तक

Authors

  • Krishana .

Keywords:

राष्ट्रवाद, उद्भव, विकास, लोगों, एकता, स्वराज, राष्ट्रीय आन्दोलन, ठोस आधार, समाज सुधारक

Abstract

राष्ट्रवाद वह भावना है जो लोगों को एकता के सूत्र में बांधती हैं और स्वराज के प्रति विश्वास पैदा करके राष्ट्रीय आन्दोलन को एक ठोस आधार प्रदान करती है। राष्ट्रीय आन्दोलन ही वह विचार है जो लोगों को चेतना प्रदान करने में समाज सुधारकों, राष्ट्रवादी नेताओं, राजनितिक संस्थाओं, शिक्षा प्रणाली, राष्ट्रवादी आदि तत्वों का बहुत अधिक योगदान रहा है।

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Published

2018-11-01

How to Cite

[1]
“भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव एवं विकास के कारण: भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव और विकास: समाज सुधारकों से राष्ट्रीय आन्दोलन तक”, JASRAE, vol. 15, no. 11, pp. 373–374, Nov. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/9071

How to Cite

[1]
“भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव एवं विकास के कारण: भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव और विकास: समाज सुधारकों से राष्ट्रीय आन्दोलन तक”, JASRAE, vol. 15, no. 11, pp. 373–374, Nov. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/9071