भारतीय ग्रंथों मे योग का महत्व

योग: भारतीय ग्रंथों के संबंध में एक आध्यात्मिक विश्लेषण

Authors

  • Sandeep Kumar
  • Dr. Kiran Verma

Keywords:

योग, भारतीय ग्रंथ, आध्यात्मिक, शरीर, मन, आत्मा, धारणा, बौद्ध धर्म, चीन, जापान

Abstract

योग भारत में एक आध्यात्मिक प्रकिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। यह शब्द, प्रक्रिया और धारणा हिन्दू धर्म,जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बन्धित है। योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्री लंका में भी फैल गया है और इस समय सारे सभ्य जगत् में लोग इससे परिचित हैं।

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Published

2018-11-01

How to Cite

[1]
“भारतीय ग्रंथों मे योग का महत्व: योग: भारतीय ग्रंथों के संबंध में एक आध्यात्मिक विश्लेषण”, JASRAE, vol. 15, no. 11, pp. 595–600, Nov. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/9115

How to Cite

[1]
“भारतीय ग्रंथों मे योग का महत्व: योग: भारतीय ग्रंथों के संबंध में एक आध्यात्मिक विश्लेषण”, JASRAE, vol. 15, no. 11, pp. 595–600, Nov. 2018, Accessed: Jul. 08, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/9115